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दोस्तों, योग भारतीय जीवन पद्धति और संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग ने चिरकाल से ही भारतीयों के जीवन में विशिष्ट स्थान बनाया है। विशेषकर स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा इसका खूब प्रसार किया गया। प्राचीन काल में महर्षि पतंजलि द्वारा योगसूत्र रचा गया। इस तरह योग का महत्व आज भी हमारे जीवन में बना हुआ है।
कहा जाता है कि योग का इतिहास कम से कम 5,000 साल पुराना है।योग का जन्म भारत की गौरवशाली धरती पर ही हुआ है। ऋषि अगस्त ने भारतीय उपमहाद्वीप पर यौगिक पद्धति को फैलाया है। आगे चल कर विश्व के विभिन्न हिस्सों में योग चर्चित हुआ।
भारतीय सरकार के द्वारा साल 2015 में योग दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। इसके बाद से योग हमारे जीवन का ही नहीं, अपितु सरकारी आयोजन का भी एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
योग का अर्थ, परिभाषा महत्व
“योग” यानि योग: एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर और ध्यान को एकरूप किया जाता है। योग मूलतः शांति की ओर ले जाता है। प्राचीन काल से योग ध्यान और मोक्ष का एक मार्ग बना हुआ है। “योग” का उल्लेख वैदिक काल में मिलता है। ये शब्द ऋग्वेद में निहित है।
भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने ये कहा है कि ” कर्मों में कुशलता ही योग है”। यहां संभवतः आत्मा के परमात्मा से मिलन को योग कहा गया है। योग के शाब्दिक अर्थ पर ध्यान दें तो इसका मतलब जोड़ना या मिलना होता है। दोस्तो, इसका अर्थ बड़ा ही व्यापक है। कुछ जानकार इसे शरीर एवं मन के विकास से भी जोड़ कर देखते हैं।
महर्षि पाणिनि ने योग की ये परिभाषा दी है:
- युजिर योगे (ईश्वर के साथ संयोग)
- युज समाधौ (साधना जो समाधि के लिए की गई हो)
- युज संयमने (संयम मन पर)
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योग दिवस कब मनाते हैं?
ये दिवस 21 जून को हर साल मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी। योग की अनुपम कला के प्रसार प्रचार के लिए भारत की सरकार ने साल के सबसे लंबे दिन को चुना था। आज भारत के अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी योग दिवस मनाया जाता है।
योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
ये कला प्राचीन भारत से ले कर आधुनिक भारत तक हम भारतीयों के साथ है। ये किसी धरोहर से कम नहीं। इसी तथ्य को ध्यान में रख कर सरकार ने योग को एक दिन समर्पित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2014 में यूएन में अपने एक भाषण में योग दिवस का सुझाव दिया था। साथ ही ये भी कहा कि 21 जून को मनाया जाना चाहिए। 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है।
यूएन के मेंबर्स ने इस पर मंजूरी दे दी थी। फिर आगामी वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस दिन राजपथ पर प्रधानमंत्री के साथ साथ कई राजनीतिक हस्तियों ने योग के भव्य उत्सव की शोभा बढ़ाई थी।
योग दिवस पर भारत भर में योग शिविर लगाए गए थे। लोगों ने बड़ी संख्या में इस आयोजन में हिस्सा लिया। तब से भारत के अलावा विश्व के अन्य हिस्सों में भी योग दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
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योग दिवस उद्देश्य
योग पौराणिक काल से हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। माना गया है कि योग की कला भगवान शिव की कृपा से जन्मी है। भारत में ऐसे कई योग गुरु हैं जो विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
ऐसे में योग भारत की पुण्यभूमि पर किसी धरोहर से कम नहीं। अतः इसके संरक्षण हेतु योग दिवस का प्रावधान लाया गया। योग दिवस आम जीवन में योग के प्रभाव और प्रसार को सुनिश्चित करता है।
योग दिवस महत्व
योग दिवस योग जैसी आध्यात्मिक कला के लिए 21 जून का दिन बड़ा ही उचित है। 21 जून नॉर्थ पोल में सबसे लंबा दिन होता है। साथ ही कुछ मान्यताओं के अनुसार इस काल में ही भगवान शिव ने योग संबंधित ज्ञान गुरुजनों से साझा किया था।
इस लिहाज़ से योग का भारतीय जीवन में सांस्कृतिक महत्व है। आज के आधुनिक युग में प्राचीनकालीन परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रख कर योग दिवस की मान्यता दी गई है।
योग दिवस थीम 2023
इस साल योग दिवस के लिए “वसुधैव कुटुंबकम्” का कालजायी सिद्धांत थीम के रूप में चुना गया है। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में दी गई है। योग दिवस थीम 2023 को आयुष मंत्रालय तय किया गया है।
“वसुधैव कुटुंबकम्” का अर्थ होता है कि पूरी पृथ्वी एक परिवार है। ये हमारी संस्कृति की मूल विचारधारा है। योग दिवस थीम के रूप में इसका चुनाव अत्यंत उचित है। योग के माध्यम से पूरे विश्व को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के मार्ग पर ले जाने का ये अनमोल प्रयास है।
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योग दिवस पर शुभकामनाएं
इस दिवस पर आप अपने जाननेवालों को इस प्रकार के शुभकामना संदेश भेज सकते हैं:
“योग दिवस के अवसर पर
आपको दुआएं भेज रहे
रहे सलामत सेहत आपकी
दिल से शुभकामना भेज रहे”
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योग दिवस पर संदेश
“सदियों से चली आ रही योग साधना
है भारतीय संस्कृति का उपहार
मनुज तन हो या मन,
रखे दृढ़, पुष्ट व स्वस्थ
है ये गुणों की समाहार”
योग दिवस पे स्लोगन
“रखें अपनी और अपनों के सेहत का ध्यान
योग से बनाएं जीवन आसान”
योग दिवस पर शायरी
“करें समय का उपयोग
दूर करें तनाव व रोग
मन और तन को करें तंदुरुस्त
जीवन में अपनाएं योग”
योग पर कविता
“है स्वस्थ, संयमित,
जीवन की सीख
बसती है भारत-भू पर
ये कालजायी रीत
है मन व तन को लाभ
पहुंचाती ये साधना
ध्यान एकाग्रित रहे तो
लगे ईश आराधना
कुछ विद्वान योग को
आत्मा परमात्मा का मिलन बतलाते हैं
कुछ जानकार पुष्ट जीवन हेतु
इसे विज्ञान मान समझाते हैं
कभी योग जीवन में
अनुशासन लाता है
कभी व्यथित मनुज को
किसी गंभीर पीड़ा से मुक्ति ये दिलवाता है
है जनमानस के हित में
इस नियमित अभ्यास
उतारें इसको निज जीवन में
अनुशासित रहने का करें प्रयास!”
योग दिवस भारत की प्राचीन योग साधना से जुड़ा एक उत्सव है। ये भारत ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व को स्वस्थ तन एवं मन की ओर प्रेरित करता है। योग दिवस भारतीय संस्कृति का स्वास्थ्य तथा आरोग्य के प्रति समर्पण दर्शाता है। साथ ही ये भी बतलाता है कि हम सभी भारतीयों को अपने जीवन में योग साधना को एक विशिष्ट स्थान देना चाहिए। साथ ही इसके प्रचार प्रसार के लिए भी प्रयासरत होना चाहिए।
FAQs
21 जून
“वसुधैव कुटुंबकम्”
21 जून, 2015
मानवता के लिए योग का प्रतीक है।
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