चंद्रयान-3 मिशन क्या है , कब लॉन्च होगा 2023

Chandrayan-3 upsc | चंद्रयान 3 मिशन, जानकारी | चंद्रयान 3 कब लॉन्च होगा| चंद्रयान 3 लॉन्च डेट | भारत का चंद्रयान मिशन | चंद्रयान 2 मिशन | Chandrayan 2 failure

दोस्तो, भारत के अंतरिक्ष विभाग से एक नई खबर सामने आई है। इसरो की खबर मानें तो जुलाई के महीने में चंद्रयान-3 लॉन्च हो सकता है। मार्च में चंद्रयान-3 का सफल परीक्षण किया गया है। कठोर कम्पन एवं ध्वनिक वातावरण से जुड़े परीक्षण किए गए हैं। 

चंद्रयान-2 के बाद चंद्रयान-3 एक बेहद अहम प्रोजेक्ट है। चंद्रयान-3 में रोवर और लैंडर मौजूद होंगें। इसकी मदद से पृथ्वी स्टेशन से संचार किया जाएगा। साथ ही चंद्रयान 2 में हुई गलतियों को भी सुधारा जाएगा। कुल मिला कर चंद्रयान 3 भारत के लिए एक बड़ी सफलता ले कर आएगा।

दोस्तो, अगर आप भी चंद्रयान 3 कब लॉन्च होगा, जानना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ें। यहां आपको इस मिशन से जुड़ी तमाम जानकारियां मिलेंगी। 

चंद्रयान 3 कब लांच होगा14 जुलाई 2023
कितने बजे लांच होगा2 बजकर 35 मिनट
कहाँ से लांच होगाआंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर
बजट651 करोड़
चंद्रयान 2 कब लांच हुआ था22 जुलाई 2019

यहाँ पढ़े: अटल टनल क्या है

भारत का चंद्रयान मिशन

दोस्तो, आइए हम आपको भारत के चंद्रयान मिशन के पहले दो चरणों की की झलक दिखलाते हैं:

चंद्रयान मिशन 1:

  • चंद्रयान 1 को PSLV-C 11 रॉकेट के माध्यम से श्रीहरि कोटा से 22 अक्टूबर 2008 लॉन्च हुआ था।
  • चंद्रयान 1 पांच दिनों में चंद्रमा पर पहुंचा था। इससे पहले चंद्रयान 1 ने 1000 किमी दूरी पर रह कर चंद्रमा की परिक्रमा की थी।
  • चंद्रयान 1 का वज़न 1380 किलोग्राम था।
  • इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के बारे में विस्तार से ज्ञान प्राप्त करना था।
  • मिशन में चंद्रमा पर पानी की खोज का दावा अहम माना जाता है।

चंद्रयान मिशन 2:

  • चंद्रयान 2 3,877 किलोग्राम का अंतरिक्षयान है। इसे 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था। 
  • इसका लक्ष्य चंद्रमा के साउथ पोल पर रोवर भेजना था।
  •  इसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर (प्रज्ञान) मौजूद थे।
  • सितंबर 2019 में लैंडर ने चंद्रमा की सर्फेस पर हार्ड लैंडिंग की थी।
  • इसका ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है। ये सात वर्ष वहां रहेगा।
  • इसका उद्देश्य चंद्रमा के सतह को मापना, इसका थ्री डी मैप बनाना, वातावरण आदि के बारे में जानना था।
  • चंद्रयान मिशन 2 काफी हद तक सफल रहा। इसे 90-95 प्रतिशत सफल माना जा सकता है। 
  • दोस्तो, इस मिशन में कुछ परेशानियां तब आईं जब लैंडर अपनी दिशा से कुछ भटक गया।
  • इस मिशन को विकसित करने में 978 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

चंद्रयान 3 मिशन

दोस्तो, ये मिशन भारत का एक महत्वाकांक्षी मिशन है। चंद्रमा से जुड़ा ये भारत का तीसरा मिशन है। इसमें ध्यान देने योग्य तथ्य इस प्रकार हैं:

  • जुलाई 2019 में आए चंद्रयान 2 के बाद इस मिशन को लाया जा रहा है।
  • मिशन में तीन मॉडल होंगे।
  • तीन मॉडल्स इस प्रकार हैं: प्राणोदय, लैंडर तथा रोवर।
  • ये मॉडल्स कंफीग्रेशन को चंद्र कक्षा में सौ किलोमीटर तक ले जाएंगे।
  • लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग में मदद करेगा। 
  • रोवर चंद्रमा की सतह का इन सीटू केमिकल विश्लेषण करेगा।
  • इसमें ऑर्बिटर मौजूद नहीं है। इसमें चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर का ही प्रयोग होगा। 

यहाँ पढ़ें:  शालिनी उन्नीकृष्णन की दिल दहलाने वाली कहानी

चंद्रयान 3 का उद्देश्य क्या है?

दोस्तो, इसरो द्वारा कुछ जानकारियां साझा की गई हैं। चंद्रयान 3 का पहला उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सही तरीके से लैंडिंग करवाना है। इसके लिए कई काम किए जा रहे हैं। इस बार बेहतर उपकरण और एल्गोरिथम की सहायता ली जा रही है।

साथ ही साथ पिछले चंद्रयान में हुई गलतियों से भी सीखा जा रहा है। चंद्रयान 3 की सफलता भारत के अन्य अंतरिक्ष मिशन के लिए आधार बनेगी। इसलिए इस मिशन की सफलता आवश्यक है।

चंद्रयान 3 कब लॉन्च होगा?

करीब 9,023 करोड़ रुपए की लागत वाला ये मिशन 14 जुलाई को 2 बज कर 35 मिनट में लांच होगा। इस मिशन के लिए ज़रूरी परीक्षण किए जा चुके हैं। इसकी लॉन्चिंग जीएसएलवी एमके-III के माध्यम से की जाएगी। ये जानकारी भारतीय अनुसंधान संगठन के द्वारा मिली है। उम्मीद है,चंद्रयान 3 में मौजूद लैंडर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान 23 या 24 अगस्त को चन्द्रमा में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां

दोस्तों, भारत ने अंतरिक्ष से जुड़ी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें में कुछ मुख्य उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

आर्यभट्ट:

  • ये देश का पहला सैटेलाइट था। इसका नामकरण भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर किया गया था।
  • इसे भारत में डिज़ाइन किया गया था और रूसी मदद से लॉन्च किया गया।

मंगलयान:

  • भारत ने साल 2014 में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।
  • कम बजट में मार्स ऑर्बिटर मिशन को लॉन्च किया था।
  • इस प्रकार को परियोजना को अमेरिका ने लगभग दस गुना ज्यादा बजट में पूरा किया था। 

यहाँ पढ़े: यहाँ पढ़ें: मानगढ़ धाम का इतिहास

भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम:

  • ये भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम है।
  • इसकी मदद से आपदा प्रबंधन, समुद्री नेविगेशन, ट्रैफिक आदि में मदद मिलेगी।
  • 2016 में आए इस नेविगेशन सिस्टम से युद्ध में भी मदद मिलेगी।

पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल:

  • नब्बे के दशक में विकसित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल ने चंद्रयान, मंगलयान आदि के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • इसने 19 देशों से जुड़े 40 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं।

भारत के आगामी स्पेस मिशन

दोस्तो, भारत के कुछ आगामी स्पेस मिशन के बारे में आपको बताते हैं:

आदित्य L1 मिशन:

  • भारत का ये मिशन सूर्य से जुड़ा पहला भारतीय मिशन होगा।
  • ये पृथ्वी और सूरज के बीच लैंग्रेजियन प्वाइंट तक है।
  • ये सूरज के निरीक्षण में मददगार होगा।
  • साथ ही इसमें सूरज के चुंबकीय क्षेत्र में बारे में भी विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।

वीनस मिशन:

  • भारतीय शुक्रयान से जुड़ा ये मिशन 2024 में साकार हो सकता है।
  • शुक्र पर मौजूद सल्फ्यूरिक एसिड के बादल और इससे जुड़ी अन्य जानकारियां भी वीनस मिशन की मदद से प्राप्त की जाएंगी।

FAQs

चंद्रयान 2 कब लॉन्च हुआ?

22 जुलाई 2019।

चंद्रयान 3 कब लॉन्च किया जाएगा?

12 जुलाई 2023।

मंगलयान 2 कब लॉन्च होगा?

उम्मीद है ये 2024 में लॉन्च होगा।

चंद्रयान 3 चंद्रयान 2 से अलग कैसे है?

चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं है।

अन्य पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top