नई दुल्हन का गृह प्रवेश कैसे करें

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दोस्तों, नई दुल्हन का घर में आना, दुल्हन के साथ साथ ससुराल वालों के लिए भी एक बेहद खास मौका होता है। ऐसे में ससुराल वालों की पूरी कोशिश रहती है कि दुल्हन के गृह प्रवेश को यादगार बनाया जाए। पारंपरिक विधि विधान के साथ साथ गेम्स और सरप्राइजेज भी हो तो मौके पर चार चांद लगाया जा सकता है। याद रखिए, दुल्हन को घर की लक्ष्मी माना जाता है। इसलिए, उसके स्वागत में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए। दोस्तों, अगर आप भी सोच रहे हैं कि नई दुल्हन का गृह प्रवेश कैसे करें, तो हम हाज़िर हैं एक से बढ़ कर एक आइडियाज ले कर। यहां कुछ टिप्स भी दिए जा रहे हैं, जो नई दुल्हन के गृह प्रवेश की रौनक बढ़ाने में मदद करेंगे।

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नई दुल्हन का गृह प्रवेश कैसे करें

हिंदू रीति रिवाज़ो में विवाह का बहुत महत्व है। इसे सोलह संस्कारों में से एक माना गया है। शायद इसलिए, बदलते वक्त के साथ भी विवाह को ले भारतीय बहुत संजीदा रहते हैं। उनकी कोशिश होती है कि शादी ब्याह में नियमों का बखूबी पालन हो। इन्हीं नियमों में से एक है विदाई के बाद नई बहू का स्वागत।दोस्तों, इसी को ध्यान में रखते हुए, हमने यहां कुछ आइडियाज दिए हैं जिनसे नई दुल्हन का गृह प्रवेश करवाने में आपको मदद मिलेगी:

  • मुहूर्त के अनुसार गृह प्रवेश: दोस्तों, हिंदू मान्यताओं में मुहूर्त का विशेष स्थान है। हर शुभ कार्य को शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाता है। नई दुल्हन का ससुराल में आगमन भी एक विशेष अवसर है। इसलिए दुल्हन का गृह प्रवेश मुहूर्त देख कर ही करवाएं। अमूमन उत्तराषाढ़, उत्तराफाल्गुनी, रोहिणी जैसे नक्षत्रों में दुल्हन का गृह प्रवेश करवाना शुभ माना जाता है।

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  • कलश चावल से पहला कदम: चावल को हिंदू मान्यताओं में शुभ माना जाता है। इसे स्थिरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जब कलश में भरे चावल को दुल्हन अपने सीधे पैरों से गिराती है, तब माना जाता है कि उसके जीवन में सुख समृद्धि भी फैल जाती है। 
  • नई दुल्हन के पैरों के छाप: नई दुल्हन को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। जिस तरह हम त्याहोरों के मौके पर, माता लक्ष्मी के चरणों के चिन्ह बनाते हैं, उसी प्रकार नई दुल्हन के पैरों के छाप भी गृह प्रवेश के बाद घर में पड़ते हैं। इसके लिए एक परात में कुमकुम घोल कर रखा जाता है। और दुल्हन उसमें अपने पैर डालती है। इसके बाद वो बाहर के दरवाजे से ले कर, पूजा घर तक अपने पैरों के छाप छोड़ते जाती है।

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  • गृहप्रवेश के बाद गेम्स: इस खास मौके को और भी खास बनाने के लिए परंपरा और नियमों के अलावा हल्का फुल्का मनोरंजन भी अच्छा लगता है। जब नई नवेली दुल्हन घर आती है तो कई तरह के खेल खेलने का भी रिवाज़ होता है। जैसे कि दूध में अंगूठी वाला खेल। इस खेल में दूल्हा और दुल्हन को आमने सामने बैठाया जाता है। फिर दूध में पड़ी अंगूठी ढूंढने को कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि दुल्हन या दूल्हा, इनमें से जो भी पहले अंगूठी निकालेगा या ढूंढेगा, उस वैवाहिक जीवन में उसकी ज़्यादा चलेगी।

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