महिला सशक्तिकरण पर निबंध (Women Empowerment Essay in hindi)

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दोस्तो, अगर हम ये मान लें कि महिला सशक्तिकरण होना बाकी है तो ये बेईमानी होगी। वास्तव में महिलाएं शक्तिस्वरूपा हैं। पर कमी हमारी सोच में हैं। आज भी हममें से कई लोग महिलाओं को निर्बल और आश्रित समझते हैं।कुछ लोगों को लगता है कि उनका व्यक्तित्व घर की देहलीज़ तक ही सीमित है। 

पर धीरे-धीरे बदलाव की बयार बहने लगी है। प्राचीन भारतीय संस्कृति में जिस प्रकार महिलाओं का सम्मान था, वर्तमान में भी इसे व्यवहार में लाने की कोशिश की जा रही है।आप शिक्षा का क्षेत्र देखें, या मनोरंजन, बिजनेस देखें या सरकारी नौकरी, आपको हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ती मिलेंगी। पर हां, अब भी बहुत कुछ बदलना बाकी है।

 भारत सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई सारी योजना बना रही है जिनके बारे में हम बाद में बात करेंगे। महिला सशक्तिकरण पर निबंध आपको ज़रूरी जानकारियां देगा। तो इस लेख को पूरा पढ़ें।

महिला सशक्तिकरण उद्देश्य

महिला सशक्तिकरण के बारे में हम आगे बात करें उससे ज्यादा जरुरी है कि हम सबसे पहले महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को समझें। 

  • महिला सशक्तिकरण का सबसे बढ़ उद्देश्य है उन्हें उचित अधिकार देना। 
  • महिलाओं को हमेशा समाज में पुरुषों से कम समझा जाता है, ऐसे में महिला सशक्तिकरण के बिना इसे दूर नहीं किया जा सकता है।
  • महिला सशक्तिकरण के बिना अन्याय, लैंगिक पक्षपात और असमानता को दूर नहीं किया जा सकता है।
  • अगर महिलाएं सशक्त नहीं होंगी तो वो खुद की पहचान नहीं बना पाएंगी।
  • महिला सशक्तिकरण के बिना महिलाएं जीवन में सुरक्षा और संरक्षण का आनंद नहीं ले पाएंगी।
  • सशक्तिकरण महिलाओं के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।

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महिला सशक्तिकरण का महत्व

बात अगर महिला सशक्तिकरण की हो ही रही है तो तो चलिए आपको सबसे पहले महिला सशक्तिकरण के खटव के बारे में बताते हैं। ताकि आप ये समझ पाए कि आखिर क्यों महिला सशक्तिकरण के मुद्दे ना सिर्फ भारत में बल्कि विश्व  संगठनों द्वारा भी इतना महत्व दिया जाता है:

घरेलू हिंसा 

घरेलू हिंसा किसी भी महिला के साथ हो सकती है। इसका कोई पैमाना तय नहीं है। जरूरी नहीं है कि घरेलू हिंसा अनपढ़ महिलाओं के साथ हो, शिक्षित महिलाएं भी इसका शिकार होती हैं।

जहां पढ़ी-लिखी महिलाएं इसके खिलाफ आवाज उठाती हैं तो वहीं अनपढ महिलाएं ऐसी हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठा पाती हैं। ऐसे में अगर महिलाएं सशक्त होंगी तो घरेलू हिंसा के मामले में ना केवल कमी आएगी बल्कि महिलाएं इसके खिलाफ आवाज़ उठा पाएंगी।  

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आत्मनिर्भर होना

आप सब ने देखा होगा कि लड़कियों को हमेशा ही ये सिखाया जाता है कि उन्हें आगे जाकर घर की देखभाल करनी हैं। ये सोच सिर्फ लड़कियों के भविष्य के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी गलत है। दरअसल,देश में अशिक्षित महिलाएं होने का मतलब है कि देश की करीब 40% आबादी का अशिक्षित होना। अगर वो अशिक्षित होंगी तो हमेशा उन्हें सहारे की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जरुरी है महिलाएं आत्मनिर्भर हो। 

समानता 

महिला सशक्तिकरण करने का सबसे बड़ा लक्ष्य है वो महिलाओं को समानता देना। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी भी दुनिया में कई देश हैं जो  महिला को पुरुषों की तरह अधिकार नहीं देते। उन देशों में महिलाएं केवल गुलामों की तरह रहती हैं। उनको ना अपनी बात कहने की आजादी है और न ही  ना कुछ निर्णय लेनी की।  

भारत में महिलाओं की भूमिका

बात अगर भारत में महिलाओं की भूमिका कि करें तो आजादी से पहले महिलाओं को कई सारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। महिलाओं ने कई सारी कुप्रथा को झेला है। लेकिन आज आजादी के बाद महिलाएं भी आगे बढ़ी है। 

आज भी भारतीय समाज की जटिलता ने महिलाओं के पाँव में बेड़ियां बांध रखी है। लेकिन अब महिलाएं इन बेड़ियों को खोल कर आगे बढ़ रही है। आज सेना से लेकर राजनीति तक महिलाएं कही पीछे नहीं है। 

आज कहीं न कहीं लोग इस बात को समझते है कि महिलाएं परिवार बनाती है, परिवार घर बनाता है, घर समाज बनाता है और समाज ही देश बनाता है। इस बात का सीधा अर्थ ये है कि महिला का योगदान हर जगह है। यही कारण है कि आज भारत की महिलाओं की भूमिका घर से लेकर समाज हर जगह है।   

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महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता

ये बात तो हम सब जानते है कि पुराने जमाने से लेकर अब तक महिलाओं कीस्थिति  काफी जर्जर है। इसस्थिति  को महिला को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएं बिना खत्म किया भी नहीं जा सकता है। पुराने जमाने में महिलाओं को बिना उनकी मर्जी के बंधन में बांधा जाता था और आज भी कुछ बदला नहीं है। 

 वो ना तो पढाई कर पाती थी और ना ही अपने मन मुताबिक़ काम नहीं कर पाती थी। लेकिन अब सभी इस बात को जानते हैं कि अगर हम राष्ट्र का विकास कराना है तो महिलाओं का सशक्तिकरण  जरुरी है। क्योंकि बिना महिलाओं के सशक्त हुए न तो उन्हें सामनाता मिलेगी और ना ही अधिकार। 

चलिए आपको बताते हैं कि आखिर भारत में महिलाओं की क्यास्थिति  है जिसके बाद आप खुद ही समझ जाएंगे कि महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की आवयश्कता क्यों है।  

भारत में महिलाओं की स्थिति 

ये बात हम में से किसी से भी नहीं छुपी है कि हमारे देश में महिलाओं की क्या परिस्थिति है। 21 वीं  सदी में भी भारत में महिलाएं शिक्षित नहीं है।अभी भी भारत में बहुत सारे गांव हैं जहां की महिलाओं का जीवन सिर्फ और सिर्फ घर की चार दीवारों तक सीमित है।

वो अपने मन मुताबिक़ जीवन व्यतीत नहीं कर सकती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि आज भी हमारे देश में नौकरी करने वाली महिलाओं की संख्या अन्य देशों के मुकाबले से बहुत कम हैं। यही नहीं हमारे देश की पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इस वक्त अपने हक के लिए कुछ नहीं कर पा रही हैं। 

महिलाओं की सामाजिक समस्या के लिए क्लिक करें।

महिला सशक्तिकरण योजना

देश में सरकार महिलाओं कीस्थिति को सुधारने के लिए और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई सारी योजना ला रही है।  चलिए आपको इन योजना के बारे में बताते हैं।

नेशनल मिशन फॉर इम्पॉवरमेंट ऑफ वूमन 

आपकी जानकारी के लिए बता दे इस मिशन को महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लक्ष्य से  शुरू किया गया था। इस योजना को 15 अगस्त 2011 से शुरू किया था। इस मिशन का मकसद है महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना।

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना 

आपने इस योजना के बारे में कभी न कभी जरूर सुना होगा। इस योजना का मकसद लड़कियों को बचाना और उन्हें  पढ़ाई के प्रति जागरूक कराना है।  साथ ही इस योजना का दूसरा मकसद ये भी है कि लड़कियों के परिवार वाले भी पढ़ाई के प्रति जागरूक हो  यह योजना साल 2015 से शुरू की गयी थी।  

नारी सुरक्षा पर स्लोगन, एक बार ज़रूर सुनें।

महिला हेल्पलाइन योजना

दरअसल साल 2015 में इस योजना को हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए शुरू किया गया था। असल में इस योजना की मदद से घरेलू हिंसा से प्रभावित कोई भी महिला 24 घंटे में कभी भी टोल-फ्री टेलीकॉम सेवा पर फोन कर मदद मांग सकती है। 

यही नहीं अगर कोई महिला फ़ोन नहीं कर सकती तो आप 181 नंबर पर फोन कर किसी भी प्रकार की सहायता पुलिस से मांग सकती है। 

महिला सशक्तिकरण पर दोहे

” स्त्री, नहीं केवल प्रेम, समर्पण व त्याग का समाहार…

  इसके अस्तित्व से है दीप्त, जीवन का हरेक त्योहार”

  -प्रज्ञा

“महिला सशक्तिकरण पर चर्चा बड़ा चौकाती है….

 क्यों न दंभ का दामन छोड़ ये दुनिया, महिलाओं को यथोचित सम्मान दे पाती है!”

-प्रज्ञा

महिला सशक्तिकरण पर शायरी

women empowerment

“पले जिस नदिया के तट पर,

 जीवनरूपी कोपल की क्यारी

 उस नदिया को ही हम बुलाते, 

  महिला, स्त्री या नारी!”

  -प्रज्ञा

महिला सशक्तिकरण पर स्लोगन (Slogan)

“नारी का सम्मान, जीवन का सम्मान

 नारी का अपमान, दुर्दशा का आह्वान”

  -प्रज्ञा

महिला सशक्तिकरण पर कविता

Women empowerment

“हे! नारी तू यूं ही बढ़ती जा..

कर्तव्यपथ पर यूं ही, अपने पग धरती जा

ये जग तेरे बल पर, किंचित प्रश्न उठाएगा

एक नहीं सौ बार तुझे “अबला” कह कर बुलाएगा

पर तू विजय की हुंकार भर

कर तिलक निज मस्तक का श्रृंगार कर

मान अपने अस्तित्व को एक वरदान

स्वयं की तू जयकार कर!!”

-प्रज्ञा

अन्याय के खिलाफ आवाज शायरी

“उठती रहेगी चिंगारी तुझे
झुकाने को
पर याद रख, एक ही ज़िंदगी मिली है तुझे…
कुछ कारनामा कर दिखाने को”

FAQs

महिला सशक्तिकरण की क्या आवश्यकता है?

खुद को समाज में सम्मान दिला पाएंगी। साथ ही वो अपने साथ हो रही अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठा पाएंगी।

महिला सशक्तिकरण में कौन सी बाधा उत्त्पन होती है?

दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा और महिला व पुरुष को बराबर मजदूरी नहीं मिलना महिला सशक्तिकरण में सबसे बड़ी बाधा है।

स्त्रियों की कौन कौन सी समस्या का सामान करना पड़ रहा है?

आज भी महिलाओं को यौन शोषण, लैंगिक भेदभाव, असमानता और कुपोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव  आदि।

महिलाओं की स्थिति में सुधार कैसे कर सकते हैं?

सरकार ने महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए कई सारे कानून बनाए। सरकार के तरफ से स्त्री शिक्षा को अनिवार्य बनाया गया है। तलाक को कानूनी दर्जा दिया गया। साथ ही सरकार महिलाओं को उनकी मर्जी के हिसाब से  हुनर सीखा रही हैं। 

स्त्रियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कौन कौन से कदम उठाए हैं?

सरकार उनके लिए कई सारी योजनाएं लेकर आयी हैं। जैसे: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और सुकन्या समृद्धि योजना।

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