महिलाओं की सामाजिक समस्याएं, स्थिति, निबंध

महिलाओं की सामाजिक समस्या, स्थिति, निबंध, उपाय (Social Problems of Women’s in India, Issues, Essay, Solution, Tips in Hindi)

हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है जहां पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा अधिकार दिए जाते हैं. महिलाओं को समाज में वो दर्जा नहीं दिया जाता है जो पुरुषों का होता है, और उन्हें विभिन्न तरह की रुढ़िवादी परंपराओं जैसी सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. महिलाओं के सामने जन्म से लेकर मृत्यु तक काफी सही समस्याएं आती है, जिनका ज़िक्र हम यहां इस लेख में करने जा रहे हैं, और साथ ही उन्हें इससे निपटने के कुछ उपाय भी बतायेंगे. 

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महिलाओं की सामाजिक समस्या

हमारे देश में एक सबसे बड़ा और अहम मुद्दा प्राचीन समय से चला आ रहा है, जोकि महिलाओं की सामाजिक समस्याओं को लेकर है. जी हां महिलाओं को जन्म से लेकर जब तक उनकी मृत्यु नहीं हो जाती तब तक किसी न किसी सामाजिक, परिवारिक या आर्थिक समस्या का सामना करना ही पड़ता है. यहां हम आपको महिलाओं के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. ग्रामीण महिलाओं की समस्या के बारे में यहाँ जानें.

कन्या भ्रूण हत्या

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो सबसे पहले उसके घर वाले यह पता करते हैं कि उस महिला की कोख में लड़की है या लड़का. जोकि गैर कानूनी होता है, लेकिन इसके बावजूद भी यदि वह लड़की होती है तो उसे कोख में ही मरवा दिया जाता है. इसे कन्या भ्रूणहत्या कहा जाता है. गर्भवती होने के बाद महिला के सामने ये सबसे बड़ी समस्या आती है क्योकि जब किसी महिला का गर्भपात होता है तो उसे शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह से बहुत आघात होता है. यह समस्या महिलाओं के सामने अक्सर आती रहती है. खास कर गरीब महिलाओं के सामने.

बाल विवाह

इसके बाद जैसे-तैसे अगर बेटी ने जन्म ले लिया, तो उसे बोझ समझ कर उसका कम उम्र में ही विवाह करा दिया जाता है. विवाह भी उसकी उम्र से 2 गुना अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ करा दिया जाता है. इसे बाल विवाह कहा जाता है. हालांकि सरकार ने बेटियों के बालिग होने की उम्र 21 साल कर दी है, लेकिन कुछ रुढ़िवादी लोग अभी भी अपनी इस रुढ़िवादी परम्परा को लिए बैठे हुए हैं. 

शैक्षणिक समस्या

बेटी के जन्म लेने के बाद उसे बोझ समझना आम बात हैं इसलिए बेटियों को बचपन से ही घर के कामों में यह कहकर लगा दिया जाता है, कि उन्हें शादी के बाद पराये घर जाना है. इसके लिए पढ़ाई जरुरी नहीं है घर के काम सीखना जरुरी है. और उन्हें इस तरह से शिक्षा का अधिकार नहीं दिया जाता.   

ऑनर किलिंग

महिला के सामने अन्य सामाजिक समस्या यह भी आती है कि यदि कोई महिला अपने माता-पिता, जात विरादरी या रिश्तेदारों के खिलाफ जाकर किसी व्यक्ति से विवाह कर लेती है. तो उसे मार दिया जाता है. इसे ऑनर किलिंग कहा जाता है.

एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार

आपने आये दिन ये सुना होगा कि कोई महिला के साथ किसी व्यक्ति ने छेड़छाड़ की है, या उसका यौन शोषण किया है, या फिर किसी सिरफिरे ने उस पर एसिड अटैक कर दिया है, या उस महिला के साथ बलात्कार किया गया है. यह सभी समस्या महिलाओं के लिए बहुत ही गंभीर हैं क्योकि इससे उस महिला का जीवन नष्ट हो जाता है.     

दहेज एवं घरेलू हिंसा

महिला के सामने आने वाली सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है दहेज और घरेलू हिंसा. जी हां दहेज देकर कोई व्यक्ति अपनी बेटी का विवाह तो कर देता है. लेकिन विवाह के बाद बेटी के ससुराल वाले दहेज मांगना बंद नहीं करते हैं. बल्कि लड़की के साथ मार पीट करके उससे नौकरानी की तरह व्यवहार करते हैं इसे घरेलू हिंसा कहा जाता है. ये सब अत्याचार करके उस महिला का पति एवं ससुराल वाले उसके मायके वालों से दहेज की मांग करते रहते हैं. वह महिला शिक्षित नहीं होने की वजह से सब कुछ सहन करती रहती है, और अपने लिए आवाज भी नहीं उठा पाती है. जानिए शादी के बाद ससुराल में कैसे रहना चाहिए.

विधवा एवं पुनर्विवाह

जैसा कि हमने आपको बताया कि हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज हैं जहां पुरुषों के लिए अलग कायदे कानून होते हैं और महिलाओं के लिए अलग. जब कोई पुरुष की पत्नी की मृत्यु हो जाती है. तो उस पुरुष का दूसरा विवाह करा दिया जाता है. लेकिन वहीँ अगर कोई महिला विधवा हो जाती है, तो यह अधिकार उस महिला को नहीं दिया जाता है. इतना ही नहीं बल्कि उस महिला को समाज में हीन दृष्टी से देखा जाने लगता है. उस महिला को किसी भी शुभ काम में जाने नहीं दिया जाता. और उसे चटपटा, मीठा, मसालेदार खाने की बजाय सदा खाना खाने और सादे और हल्के रंग के कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है.

पर्दा एवं साक्षरता

भारत में प्राचीन समय से एक और प्रथा चली आ रही है जोकि पर्दा प्रथा है. इसमें महिला को हर वक्त घूंघट में रहना होता है. उन्हें अन्य पुरुषों के सामने मुंह भी खोलने नहीं दिया जाता है. हमेशा चुप रहने के लिए कहा जाता है, जिसके कारण उनका विकास नहीं हो पाता.

तलाक़ की समस्या

पुरुष द्वारा महिला के साथ किसी भी अत्याचार और घरेलू हिंसा होने के बावजूद भी महिला को यह सलाह दी जाती है, कि वह तलाक़ न लेकर चुपचाप सब कुछ सहती रहे. और अगर कोई महिला अपने लिए आवाज उठा कर अपने पति से तलाक़ ले भी लेती है तो उसके बाद समाज में उसकी उपेक्षा की जाती है. और उससे दूसरा विवाह करने के लिए कोई राज़ी नहीं होता. कामकाजी महिलाओं की समस्या के बारे में यहां जानें.

वेश्यावृत्ति की समस्या

महिलाओं की सामाजिक समस्याओं में से एक वेश्यावृत्ति भी है. जिसे समाज में निम्न स्तर और हीन दृष्टी से देखा जाता है. दरअसल गरीबी, धन की कमी, बाल विवाह, दहेज, विधवा आदि जैसी समस्याओं से जूझ रही महिला का वेश्या बनना उनकी मजबूरी हो जाती है. यही मजबूरी महिलाओं के लिए बहुत ही गंभीर समस्याओं में से एक है.    

समानता–असमानता की समस्या

महिला और पुरुष दोनों में समानता और असमानता की समस्या भी देखने को मिलती है. अक्सर देखा जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिला श्रमिक से ज्यादा मेहनत का काम कराया जाता है और उन्हें इसके लिए मजदूरी भी पुरुषों की तुलना में कम दी जाती है. इसके अलावा घर, परिवार समाज आदि में भी महिला यदि पुरुष से ज्यादा शिक्षित हो जाती, तो भी उसे पुरुष से कम ही समझा जाता है. उन्हें हमेशा पाबंदियों में रखा जाता है, और उनके साथ भेदभाव किया जाता है.

महिलाओं की सामाजिक समस्याओं से निपटने के उपाय

महिलाओं के सामने ये सभी सामाजिक समस्याएं आती है, जिससे महिला को जूझ कर सब कुछ सहन करना पड़ता है. लेकिन आपको बता दें कि महिला चाहे तो इनसे निपट भी सकती है. अपने साथ हो रहे सभी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सकती है. जी हाँ इसके लिए सबसे जरूरी है महिला का शिक्षित होना. महिला के शिक्षित होने से वह सही और गलत का फैसला करने में सक्षम होगी. और अपने सामने आने वाली सभी समस्याओं से निपट सकेगी.

तो ये सभी सामाजिक समस्याएँ महिलाओं के सामने आती रहती है, जिससे उन्हें आये दिन सहन करना एवं निपटना होता है.  

FAQ

Q : महिलाओं की सामाज में क्या स्थिति है?

Ans : उन्हें पुरुषों की तुलना में कम अधिकार दिए जाते हैं.

Q : भारत में महिलाओं की प्रमुख समस्या क्या है?

Ans : असमान लिंगानुपात, महिलाओं की औसत उम्र में कमी, बाल विवाह आदि.

Q : स्त्रियों के लिए हिंसा की समस्या क्या है?

Ans : घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, विधवा एवं पुनर्विवाह

Q : भारतीय समाज में महिलाओं को कौन कौन सी हिंसा का सामना करना पड़ता है?

Ans : दहेज की कारण हत्या, यौन उत्पीड़न, बलात्कार आदि.

Q : महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा को क्या कहते हैं?

Ans : घरेलू हिंसा

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