मेनोपॉज के लक्षण और उपाय (10 घरेलु उपाय)

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बढ़ती उम्र के साथ लगभग सभी के शरीर में बदलाव होते है। लेकिन महिलाओं के शरीर कई सारे बदलाव देखने को मिलते है। इसकी सबसे बड़ी वजह है शरीर में होने वाले कुछ हॉर्मोनल बदलाव। इन सभी बदलाव में से एक सबसे बड़ा बदलाव जो महिलाओं में होता है वो है मेनोपॉज का। इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर शरीर में कम हो जाता है। इसी के वजह से महिलाओं को मानसिक और शारीरिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।

लेकिन अभी भी ऐसी कई सारी महिलाएं हैं जिन्हें मेनोपॉज के बारे में कुछ पता नहीं है। ऐसे में चलिए आपको मेनोपॉज के लक्षण और उपाय के बारे में बताते है। फिर आपको इसके लक्षण और उपचार के बारे में बताते है। 

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मेनोपॉज के लक्षण और उपाय

मेनोपॉज क्या है (Menopause in hindi)

आपकी जानकारी के लिए बता दे मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति के नाम से भी जानते है। यह एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रोसेस है। इस दौरान हर माह होने वाली माहवारी बंद हो जाती है। इस दौरान महिला के शरीर में प्रजनन हार्मोन का उत्पादन धीरे-धीरे बंद हो जाता है। मेनोपॉज के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। मेनोपॉज आने पर महिलाएं खुद के अंदर कई सारे बदलाव और लक्षण अनुभव करती है। चलिए जानते हैं मेनोपॉज के लक्षण और उपाय क्या हैं।

मेनोपॉज की सही उम्र क्या है

आम तौर पर देखा जाए तो मेनोपॉज औसतन 45 से 50 वर्ष की आयु के आसपास शुरू हो जाती है। महिलाओं को किस उम्र में मेनोपॉज होगा, यह जीन पर भी निर्भर करता है। यही नहीं कुछ महिलाओं में यह 40 साल की उम्र में भी हो जाता है। इसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज कहते है। मेनोपॉज के लक्षण और उपाय आपको नीचे बताये गए है.

मेनोपॉज के लक्षण (Menopause symptoms in hindi)

महिलाओं को मेनोपॉज होने से पहले खुद के अंदर कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं। चलिए सबसे पहले आपको मेनोपॉज के लक्षण और उपाय के बारे में बताते है। 

योनि में सूखापन

बता दे मेनोपॉज के दौरान महिला में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इस स्तर के कम होने की वजह से वजाइनल डिस्चार्ज नहीं होता। ऐसे में योनि में सूखापन की समस्या हो जाती है।   

वजन बढ़ना

दरअसल एक महिला जब मेनोपॉज से गुजरती है तो सबसे पहले उसका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। इसी मेटाबॉलिज्म के वजह से उनका वजन बढ़ने लगता है। यही कारण है कि महिलाएं मेनोपॉज के बात मोटी हो जाती है।

मांसपेश‍ियों में दर्द 

कई सारी महिआलों को इस दौरान मांसपेश‍ियों में दर्द महसूस होता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण मांसपेश‍ियों में तेज ख‍िंचाव होता है। यही नहीं कई बार यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है। 

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मेनोपॉज के घरेलू उपाय (Menopause home remedies Indian)

कुछ महिलाएं जानती ही नहीं हैं कि वो मेनोपॉज के दौरान कौन सा घरेलू उपाय अपनाएं जिससे उनको हो रही परेशानी से राहत मिले। इसलिए आज हम आपके लिए मेनोपॉज के लक्षण और उपाय के बारे में बता रहे हैं। 

मेथी के दाने 

आपकी जानकारी के लिए बता दे मेथी के दाने स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। मेथी के दाने मेनोपॉज में महिलाओं के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। आपको आधा चम्मच मेथी दानों को आधे गिलास पानी में भिगोकर रात भर के लिए रखना है। सुबह उठकर इसे खाली पेट पीना है। 

मसालेदार खाने से बचे 

इस दौरान महिलाओं को हॉटफ़्लैश की समस्या सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में जरुरी है कि आप मसालेदार एवं तेलयुक्त, तीखे भोजन का सेवन करने से बचें। 

नियमित एक्सरसाइज 

एक्सरसाइज से आपको मेनोपॉज के दौरान हो रही समस्या से काफी राहत मिलेगी। मेनोपॉज के वजह से कई सारी महिलायों चिड़चड़ी हो जाती है। ऐसे में एक्सरसाइज आपके मन और दिमाग को शांत करने में मदद करेगा। 

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प्री मेनोपॉज के लक्षण (Perimenopause symptoms)

कुछ महिलाओं को समय से पहले ही पीरियड आने बंद हो जाते है। उस दौरान भी  महिलाओं के शरीर में कई सारे लक्षण दिखाई देते है। चलिए आपको इसके बारे में बताते है।

वजाइना में खुजली होना 

अगर आप भी महिला हैं और आपको बार बार वजाइना में खुजली होती है तो इसका कारण प्री मेनोपॉज भी हो सकता है। ऐसे में आप बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।

 ब्रेस्ट में हल्का दर्द होना

दरअसल प्री मेनोपॉज में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में बदलाव होते है। इस कारण ब्रेस्ट में सूजन और दर्द महसूस होता है। 

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग

कई सारी महिलाओं को मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें। ये आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।

एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया

इस बीमारी में जिन महिलाओं में एंडोमेट्रियम काफी मोटा हो जाता है उनमें ये परेशानी होती है। यह समस्या तब होता  है जब महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम और एस्ट्रोजन ज्यादा होता है। समय रहते अगर अपने इसका इलाज नहीं कराया तो कैंसर जैसी बड़ी बीमारी हो सकती है।

सर्वाइकल कैंसर

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना साफ़ तौर पर दर्शाता है कि आपको सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। असल में यह एक ऐसी बिमारी है जिससे कई सारी महिलाओं की मृत्यु भी हो गयी है। ऐसे में मेनोपॉज के बाद हो रही ब्लीडिंग को नज़रअंदाज़ ना करें.

मेनोपॉज के बाद गर्भधारण

आपकी जानकारी के लिए बता दे मेनोपॉज के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करना असंभव है क्योंकि ओवरी अंडे बनाना बंद कर देते हैं। हाँ लेकिन अगर आप मेनोपॉज के बाद गर्भधारण करना चाहती है तो आईवीएफ का रास्ता चुन सकती है। 

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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज़ 

मेनोपॉज के दौरान हो रही परेशानी को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है आयुर्वेदिक इलाज़। चलिए आपको कुछ आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताते हैं।

डब्ल्यू डब्ल्यू बी कैप्सूल

बता दे यह महिलाओं के लिए बहुत ही मददगार कैप्सूल है। यह उनके शारीरिक और इमोशनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद करती है। इसके साथ ही साथ यह कैप्सूल उनका हार्मोनल बैलेंस सुधारने और बनाए रखने में भी मददगार होती है।   

शतावरी पाउडर

आपको मार्किट में शतावरी का पाउडर मिल जाएगा जिसे आप पानी में घोल कर पी सकती है। मेनोपॉज के दौरान  शतावरी के सेवन से कई कई समस्याएं ठीक हो जाती है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि आपको इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे शतावरी आपके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होने वाली परेशानियों को ठीक करता है।   

अशोक पाउडर

आपकी जानकारी के लिए बता दे अशोका एक जड़ी बूटी होती है जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसका पाउडर आयुर्वेद में दवाओं की तरह इस्तेमाल होता है। अशोक के पाउडर को चूर्ण के रूप में खाया जाता है। इसकी नियमित सेवन से मेनोपॉज में हो रही  शारीरिक और मानसिक परेशानी से आराम मिलता है। 

FAQs

मेनोपॉज के दौरान शारीरिक संबंध बनाया जा सकता है क्या?

हाँ, मेनोपॉज के बाद आप आर्टिफिशियल लुब्रिकेंट का इस्तेमाल कर संबंध बना सकते हैं।

मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?

मेनोपॉज की सही उम्र 45-50 वर्ष है।  

मेनोपॉज में किन-किन परेशानी का सामना करना पड़ता है?

आपकी जानकारी के लिए बता दे मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि हॉट फ्लैश, योनि में बदलाव, स्तनों में कोमलता, स्पॉटिंग, अनियमित रक्तस्राव, यूरिनरी लीकेज, वजन बढ़ना और नींद नहीं आना आदि।

कैसे पता किया जाएगा कि प्री मेनोपॉज हो रहा है?

अगर आपके मासिक धर्म चक्र की अवधि में परिवर्तन होता है, साथ ही आपके पीरियड्स के बीच 60 दिन या उससे अधिक का अंतर है, तो आपको प्री मेनोपॉज होने की संभावना है।

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