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दोस्तो, आज का लेख बेहद महत्वपूर्ण है। यहां हम हिंदी में निबंध कैसे लिखें, ये बताने जा रहे हैं। निबंध अक्सर स्कूल कॉलेज के छात्रों को लिखना पड़ता है। किसी परीक्षा या प्रतियोगिता के लिए निबंध लिखे जाते हैं। कभी कभी किसी को किसी विषय की जानकारी विस्तार से देने के लिए भी निबंध लिखे जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि निबंध एक सुयोजित तरीके से लिखा जाए। तो देर किस बात की! इस लेख को पूरा पढ़िए। यहां आपको निबंध लिखने के लिए ज़रूरी जानकारियां दी जाएंगी।
निबंध क्या होता है?
“निबंध” दो शब्दों का मेल है, “नि” और “बंध”। इसका मतलब है जब क्रमबद्ध तरीके से हम किसी विषय पर अपने विचारों को प्रस्तुत करते हैं, तो इसे निबंध कहते हैं। निबंध हिंदी साहित्य में गद्य लेखन का एक प्रकार है। इसमें लेखक की बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता का परिचय मिलता है।
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निबंध की विशेषताएं
अगर आप जानना चाहते हैं कि हिंदी में निबंध कैसे लिखें, तो इसके लिए आपको निबंध की ये विशेषताएं समझनी होंगी:
- निबंध में प्रयोग होनेवाली भाषा जटिल नहीं होनी चाहिए।
- कोशिश करें कि इसमें व्याकरण संबंधित त्रुटि ना हो।
- निबंध में लेखक के विचार स्पष्ट होने चाहिए।
- एक अच्छा निबंध विस्तार में लिखा जाता है एवं इसमें मौजूद जानकारियां सटीक होती हैं।
- निबंध में दी गई जानकारियां क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत की जानी चाहिए।
- लेखक निबंध लिखने से पहले विषय की अच्छी छानबीन करे। सतही ज्ञान होने से निबंध अधूरा सा लगेगा।
निबंध के प्रकार
दोस्तो, निबंध कई प्रकार के होते हैं। इनमें से निबंध के मुख्य प्रकार हैं:
वर्णात्मक निबंध
वर्णात्मक निबंध किसी स्थल, दृश्य, घटना आदि से जुड़े हुए होते हैं। यहां निबंधकार अपने अनुभव, अवलोकन या कलात्मकता की मदद से निबंध में विषय को चित्रित करता है।
साहित्यिक निबंध
साहित्यिक निबंध साहित्यिक विधा से जुड़ा होता है। इन्हें शोध पत्र की तरह भी प्रस्तुत किया जाता है।
भावनात्मक निबंध
ऐसे निबंध बुद्धि की बजाए हृदय से प्रेरित होते हैं। यहां दया, करुणा, प्रेम आदि भाव प्रबल होते हैं।
विवरणात्मक निबंध
ऐसे निबंधों में कल्पना देखने को मिलती है। साथ ही कुछ निबंधों में वर्णन के साथ विवरण देखने को मिलता है। मूलतः जीवनी, इतिहास, कथाएं, युद्ध आदि विषय इसके अंतर्गत आते हैं।
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निबंध की रूपरेखा
दोस्तों, एक निबंध की मूल संरचना इस प्रकार की होती है:
- शीर्षक: निबंध में एक सुंदर और सरल शीर्षक ज़रूर होना चाहिए।
- प्रस्तावना: निबंध के इस हिस्से में भूमिका लिखनी होती है। इससे नीचे प्रस्तुत होनेवाली विषयवस्तु की एक छोटी झलक मिल पाए।
- विस्तार: इस हिस्से में निबंधकार वृहत रूप से विषय की विवेचना करता है।
- उपसंहार: ये भाग निबंध के निष्कर्ष को दर्शाता है।
निबंध की शुरुआत कैसे करें?
दोस्तो, निबंध (हिंदी में निबंध कैसे लिखें) की शुरुआत किसी श्लोक या छोटी कविता से की जा सकती है। इनकी मदद से आप दिलचस्प तरीके से विषय को प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ ही यहां किसी महान या चर्चित व्यक्ति द्वारा कही गई किसी बात (जो निबंध विषय से जुड़ी हो) का भी उल्लेख कर सकते हैं। याद रखें कि निबंध की शुरुआत हमेशा ही रोचक होनी चाहिए। इससे पाठकों की दिलचस्पी बनी रहेगी।
हिंदी में निबंध कैसे लिखें?
दोस्तो, हिंदी एक सरल भाषा होने के साथ साथ एक प्रभावशाली भाषा भी है। इस भाषा के माध्यम से आप बड़े ही स्पष्ट रूप से अपने मनोभावों को व्यक्त कर सकते हैं। चाहे निबंध हो या भाषण, हिंदी के माध्यम से बड़े ही सटीक और सुंदर तरीके से बात रखी जा सकती है। अगर आप हिंदी में निबंध लिखना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रख सकते हैं:
- हिंदी में निबंध लिखते समय शीर्षक पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शीर्षक सरल होने के साथ साथ रोचक भी होना चाहिए।
- कोशिश करें कि विषय आपकी रुचि के अनुरूप हो। अगर आप अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनेंगे तो इस पर अच्छी शोध कर पाएंगे।
- लेख लिखते समय व्याकरण संबंधी त्रुटियां करने से बचें।
- अगर जरूरत पड़े तो कोट्स, कविता आदि का प्रयोग करें।
- लेख में भूमिका, विवरण, निष्कर्ष आदि पर ध्यान दें।
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हिंदी दिवस पर निबंध ( Hindi Diwas par nibandh )
हिंदी दिवस भारत में 14 सितंबर को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसलिए यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है। इस दिन को मनाने का प्रमुख उद्देश्य समस्त देश में हिंदी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने और मानने का संदेश देना है।
हिंदी, भारत की आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा है और यह देशभर में लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। हिंदी दिवस के मौके पर विभिन्न स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन आदि में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी भाषा के महत्व, उपयोग, और इसका विकास पर चर्चा की जाती है।
हिंदी दिवस का महत्व हमें यह सिखाता है कि हमारी भाषा हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है और हमें इसे प्रेम से बोलना चाहिए। यह दिन हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर को महसूस कराता है और हमारे साथी भारतीयों के साथ एक भाषा के माध्यम से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
इसलिए, हिंदी दिवस हमारे राष्ट्रीय एकता और भाषा के महत्व को सजीव रूप से महसूस कराने वाला महत्वपूर्ण उत्सव है।
Mera Bharat Mahan Essay in Hindi
“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” यानि माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं। ये तथ्य समस्त भारतीयों को ज्ञात है। मातृभूमि के प्रति समर्पण और प्रेम हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। भारत की गौरवशाली वसुधा पर जन्म लेने वाला हर मनुज इसका ऋणी है। इसकी कालजयी संस्कृति न जाने कब से विश्व को सुशोभित करती आ रही है।
भारतीय संस्कृति किसी धरोहर से कम नहीं। चाहे सिंधु घाटी सभ्यता हो या वैदिक काल, चाहे मध्यकालीन भारत हो या आधुनिक, हर कालखंड में भारतवासियों ने अपनी मातृभूमि की स्मिता के तत्परता दिखलाई है। असंख्य वीर बलिदानियों की आहुतियों ने भारत की भू को दीप्त किया है।
भारत अपनी गौरवशाली संस्कृति के साथ साथ अपनी विविधताओं के चलते भी विशिष्ट है। भूगोल हो या भाषाएं, खानपान हो या पहनावा, भारत में चारों ओर विविधता देखने को मिलेगी। अनेकता में भी एकता का ये सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। भारतवर्ष की माटी न जाने कितने युगों की साक्षी रही है। विश्व के मानचित्र पर कितनी ही सभ्यताएं बनती और मिटती चली गईं, किंतु हम भारतीयों ने हमारी धरोहर को हर कालखंड में संजो कर रखा है। किंचित इस कारणवश ही भारत और भी महान बन जाता है। भारत देश की महानता का वर्णन इस प्रकार किया जा सकता है:
“है पुण्य पुंज
है प्राज्ञ कुंज
यह उर्वी भारतवर्ष की
विषमताओं का भी कर आलिंगन
खिले जो पंकज सी,
गाथा है ये ऐसे सांस्कृतिक उत्कर्ष की…”
“मेरा भारत महान है” ऐसा कहना अतिश्योक्ति नहीं है। सारा जग जानता है कि भारत समान कोई और पुण्यभूमि नहीं है। भारत ने विश्व को नैतिकता एवं कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया है। एक भारतीय होने के नाते ये हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए कि भारत की रक्षा और गरिमा के लिए हम सदैव तत्पर रहें।
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