Heart Attack in Women: महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय

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दोस्तों, महिलाओं में हार्ट अटैक (heart attack in women) की समस्या खबरों में दिख रही हैं। हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन को दिल का दौरा पड़ने (Sushmita Sen heart problem) की खबरें सामने आई। ये खबर वाकई चौंकानेवाली थी क्यूंकि सुष्मिता की गिनती बॉलीवुड के फिटेस्ट सेलिब्रिटीज में की जाती है। 

सुष्मिता की फिटनेस और एक्टिव लाइफस्टाइल को देख कर इस बात का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था कि वो किसी ऐसी समस्या से गुज़र रही हैं। दोस्तो, आज का हमारा लेख इसी विषय पर आधारित है। 

हम यहां महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण, लक्षण, उपाय (heart attack in women) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आप तक पहुंचाएंगे। ये जानकारियां इंटरनेट और एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित हैं। अतः इन्हें प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

heart attack in women

Heart Attack in Women

रोजमर्रा की ज़िंदगी में हम अक्सर काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी सेहत का खयाल नहीं रख पाते हैं या इसकी अनदेखी करते हैं। एक अनियमित जीवन शैली हृदय रोग (heart attack in women) को बढ़ावा देती है। दरअसल, हार्ट अटैक में खून का बहाव बाधित होता है जिसके कारण खून का सर्कुलेशन नहीं हो पाता।

रिपोर्ट्स की मानें तो हार्ट अटैक का खतरा ज्यादातर 18-55 वर्ष की महिलाओं को होता है। गौर करने वाली ये है कि महिलाओं में हार्ट अटैक (हार्ट अटैक इन वीमेन) से पहले कुछ लक्षण भी दिखते हैं, पर अक्सर इन्हें नजरंदाज कर दिया जाता है।

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महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms)

आइए देखते हैं हार्ट अटैक से जुड़े महिलाओं (heart attack in women) में ऐसे कौन से लक्षण हैं जिन्हे कतई नजरंदाज नहीं करना चाहिए:

ठंडा पसीना 

अचानक ठंडा पसीना आना एक समस्या हो सकती है। इसे नजरंदाज न करें। ठंडा पसीना हार्ट अटैक के दौरान आता है और कभी कभार तनाव में भी आ सकता है।

छाती में दवाब

सीने में दवाब महसूस करना भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है। गौर करने वाली बात ये है कि कुछ महिलाओं में दवाब सिर्फ बाईं ओर न हो कर पूरी छाती में होता है।

पीठ और बाहों में दर्द

महिलाओं में हार्ट अटैक (हार्ट अटैक इन वीमेन) के दौरान पीठ और बाहों में भी दर्द हो सकता है। दर्द की समस्या गर्दन और जबड़े में भी हो सकती है।

सांस लेने में तकलीफ

जानकारों की मानें तो ऐसी अवस्था में ऐसा महसूस होता है मानो किसी व्यक्ति ने पूरा मैराथन भाग लिया हो। सांस की तकलीफ हार्ट अटैक का एक कॉमन सिम्पटम है।

थकावट

अगर आप काफी आराम करने के बावजूद थकावट महसूस करें तो ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

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महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण (Reason)

महिलाओं में हार्ट अटैक (heart attack in women) आने के कुछ मुख्य कारण हैं:

  • मोटापा
  • फैमिली हिस्ट्री
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • अल्कोहल का सेवन
  • ज्यादा स्मोकिंग करना
  • डायबिटीज
  • तनाव

महिलाएं हार्ट अटैक से कैसे बचें (उपाय)

महिलाएं हार्ट अटैक (Heart attack in women) से बचने के लिए अपनी जीवन शैली में ऐसे बदलाव ला सकती हैं:

खानपान का रखें ध्यान

अपना वजन नियंत्रित रखें और मीठे का सेवन कम से कम करें।

अच्छी नींद

आप अपनी स्लीप साइकिल में सुधार करें। कम से कम सात घंटे की नींद लें।

टहलने की आदत 

पैदल चलने की कोशिश करें इससे आपका वजन नियंत्रित रहेगा।

धूम्रपान को छोड़ दें

धूम्रपान हानिकारक है। इसे छोड़ दें। ये आपकी आर्टरीज को कमजोर करता है।

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महिलाओं को हार्ट अटैक क्यों नहीं आता?

दोस्तो, एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में सबसे ज्यादा मृत्य हृदय रोग से होती है। ऐसा भी माना जाता है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को हार्ट अटैक ज़्यादा नही आता। कुछ लोग ये भी सोचते हैं कि महिलाओं को हार्ट अटैक क्यों नहीं आता। तो हम आपको महिलाओं में हृदय रोग (heart attack in women) क्यूं कम होता है इससे जुड़े कुछ तर्क बताते हैं:

  • महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन रिलीज़ होता है जिससे उनमें हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के मुकाबले देर से आते हैं।
  • माना जाता है कि महिलाएं अधिक शारीरिक श्रम करती हैं। या फिर ऐसा भी माना जाता है कि पुरुष भारीभरकम चीज़ों को उठाते हैं या अधिक वर्कआउट कर लेते हैं तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • कुछ रिपोर्ट्स ये भी बतलाती हैं कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष तनाव में अधिक रहते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर होता है।

FAQs

महिला हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?

ठंडा पसीना, छाती ने दर्द, सांस फूलना आदि।

क्या सेक्स के दौरान (Heart attack during sex) आता है?

सेक्स के दौरान हार्ट अटैक के कम चांसेज होते हैं।

पीरियड में हार्ट अटैक क्यूं आता है?

एक आंकलन के अनुसार, महावारी की तकलीफ के दौरान हार्ट अटैक (हार्ट अटैक इन वीमेन) के चांसेज तीन गुना बढ़ जाते हैं।

महिलाओं को हार्ट अटैक क्यों नहीं आता?

एस्ट्रोजन स्त्राव के कारण महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हार्ट अटैक आने के चांस कम होते है.

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