Gudi Padwa 2023: जानें गुड़ी पड़वा क्यूँ और कैसे मनाते हैं, शुभ मुहूर्त, महत्व

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भारत परंपराओं और रीति रिवाज़ों का देश है। यहां एक से बढ़ कर एक त्योहार मनाए जाते हैं जिनका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व होता है। कुछ त्योहार देश भर में मनाए जाते हैं तो कुछ का उत्सव खास क्षेत्रों तक सीमित होता है। इन्हीं त्योहारों में से एक है गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)। 

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) का उत्सव खास तौर पर महाराष्ट्र में देखने को मिलता है। महाराष्ट्र के साथ साथ  कर्नाटक और तेलांगना जैसे राज्यों में भी इसे मनाया जाता है। आज हम आपने इस लेख की मदद से गुड़ी पड़वा से जुड़े रोचक तथ्य आपको बताने जा रहे हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंत तक पढ़ें और इस त्योहार के महत्व, इतिहास और विधि से जुड़ी बातें जानें।

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गुड़ी पड़वा कब मनाया जाता है? (Gudi Padwa)

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) इस वर्ष 22 मार्च को मनाया जाएगा। पूजा के लिए 22 मार्च की सुबह 06:29-07:29 का समय शुभ है।  22 मार्च की रात 08: 20 पर चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि का समापन होगा।

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गुड़ी पड़वा का अर्थ

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) गुड़ी और पड़वा से मिल कर बना है। गुड़ी का मतलब ध्वज होता है और पड़वा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का सूचक है। यानि विजय पताका और प्रतिपदा को दर्शाता है गुड़ी पड़वा। 

गुड़ी पड़वा का महत्व एवं क्यूँ मनाते है

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) को ले कर कई मान्यताएं हैं। इसके पीछे तीन मुख्य कारण बताए गए हैं:

  • पहला कारण है कि ये त्योहार श्री राम के राज्याभिषेक को दर्शाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाने के गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाता है।
  • कुछ स्थानों पर इसे नए साल की शुरुआत की तरह मनाया जाता है। माना गया है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड को रचा था।
  • तीसरा कारण है मराठा शासक छत्रपति शिवाजी की युद्ध विजय।

गुड़ी पड़वा कैसे मनाते है

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भारत में इसे महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन घर में गुड़ी लगाने के साथ साथ नए वस्त्र पहनने का भी प्रावधान है।गुड़ी पड़वा के दिन मीठे चावल, श्रीखंड, पूरन पोली जैसे पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

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गुड़ी पड़वा पूजा विधि

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • पूजा की शुरुआत से पहले घर को अच्छी तरह साफ किया जाता है। 
  • इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना होता है।
  • महाराष्ट्र जैसे राज्यों में घर के द्वार पर आम के पत्तों के बंदनवार लगाए जाते हैं।
  • इसके बाद गुड़ी को घर के एक हिस्से में लगाया जाता है।

गुड़ी पड़वा पर क्या बनाएं

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) पर विशेष रूप से ऐसे पकवान बनाएं जाते हैं:

  • मीठी पूरन पोली
  • आम श्रीखंड
  • गुलाब जामुन
  • कैरी का पन्ना
  • मसाला पूरी
  • मसाला भात

Gudi Padwa Quotes in Hindi

“गुड़ी पड़वा का पावन अवसर 

 अच्छाई की विजय का है प्रतीक

  कर्म पथ पर रहो अग्रसर

  देता है ये उत्सव सीख”

“प्रकृति में छाए उमंग

 मन में हर्ष, उम्मीदों का संग

 नए वर्ष का हुआ आगमन

 लहराए विजय पताका

मीठे पकवानों का लगा जमघट

मन हुआ है तरोताजा”

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FAQs

गुड़ी पड़वा का महत्व क्या है?

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2023) का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भारत में इसे महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्यों में मनाया जाता है।

गुड़ी पड़वा कैसे मनाते हैं?

गुड़ी पड़वा के दिन घर में गुड़ी लगाई जाती है। इस त्योहार के लिए घर की साफ सफाई की जाती है।

गुड़ी पड़वा कब है?

22 मार्च, 2023

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