Diwali Kavita in Hindi 2023 : दिवाली कविता एवं शायरी

दिवाली कविता एवं शायरी, हिंदी, धनतेरस पर कविता, नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा कविता, भाई दूज कविता (Diwali Kavita in Hindi) (Narak Chaturdashi Wishes, Dhanteras Wishes, Bhai dooj wishes in hindi)

दोस्तों दिवाली भारत के प्राचीनतम त्योहारों में से एक है। इस साल ये चौबीस अक्टूबर को मनाया जा रहा है। दिवाली की तैयारियां अभी काफी जोरों से चल रही हैं। साफ सफाई, साज सज्जा, पूजा पाठ, खान पान आदि के अलावा दिवाली का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।

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दिवाली पर कविता (Diwali Kavita in Hindi)

“दिवाली नहीं केवल एक उत्सव.. अच्छाई की जीत नैसर्गिक..

 ये इस रीत को दर्शाती है, दीपों की माला में, आशा की नई किरण जगाती है!

साफ सफाई नहीं केवल घर के कोनो के, बल्की हृदय परिवर्तन भी करवाती है

कभी आंगन की रंगोली में, उमंग के रंग भर जाती है

तो कभी बन फुलझड़ी, खुशियों की दमक बढ़ाती है

कभी लड्डू के रूप में,मुंह मीठा कर जाती है

कभी मां लक्ष्मी के पूजन से, समृद्धि को न्योता दे आती है..

द्योतक है ये दिवाली, कैसे हमारी संस्कृति, सदियों से शौर्य की गाथा गाती है

अंधकाररूपी “वनवास” चाहे हो कितना भी गहरा

इसके पश्चात, दिवाली निश्चित ही आती!”

“भारतवर्ष की पावन भूमि पर

असंख्य त्योहार मनाए जाते हैं..

है उनमें से एक दिवाली…

जिस अवसर पर

समृद्धि के दीप जलाए जाते हैं

चिरकाल से सत्य की विजय का

उदघोष सुनाए जाते हैं!”

“दीपावली का त्योहार

लाए उमंग भरमार

जगमगाया नगर, गांव, चौबार

छाया उल्लास का खुमार

दमके अपना सारा आंगन

और घर बार!”

दीपावली की शुभकामनायें सन्देश यहां पढ़ें.

धनतेरस की कविता (Dhanteras Poem in Hindi)

दिवाली के ठीक पहले धनतेरस का त्योहार आता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन के वक्त भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसके अलावा आज के दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर और मृत्यु के देव यमराज की पूजा अर्चना भी होती है।

“घर आंगन आपका हो संपन्न , न आए किसी कार्य में अर्चन

धनतेरस की शुभ बेला पर, आपको बधाई है….

ये पावन घड़ी आपके परिवार को, शुभाशीष देने आई है!”

“मां लक्ष्मी का आशीष मिले, घर आंगन आपके समृद्धि का पुष्प खिले

बना रहे जीवन में आपके हर्ष

शुभकामनाएं हैं असीम, आया है शुभ धनतेरस!”

“धनतेरस है प्रतीक , सुख और समृद्धि का

कुशलता जन मानस की, सम्मान व यश की वृद्धि का”

नरक चतुर्दशी की कविता (Narak Chaturdashi Poems in Hindi)

नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली भी कहा जाता है। इसे काली चौदस, रूप चौदस, नरक चौदस आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन यमराज का पूजन होता है। इस बार नरक चतुर्दशी चौबीस अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

“जैसे नरकासुर का नाश हुआ

अच्छाई के विरुद्ध खड़े

दुष्टों का सर्वनाश हुआ..

कामना है विधाता से

हमारी भी विपदा हरें..

नरक चतुर्दशी के अवसर पर

झोली हमारी आशीष से भरें!”

“छोटी दीवाली बड़ी खुशियां लाती है

आंगन में ही नहीं केवल

मानस पटल पर भी

आशा के दीप जलाती है!”

दिवाली गिफ्ट आइडियाज यहां देखें.

गोवर्धन पूजा कविता (Govardhan Puja Kavita in Hindi)

गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है। इस साल गोवर्धन पूजा पच्चीस अक्टूबर को है। इस उत्सव को अन्नकूट भी कहते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर सात दिनों के लिए गोवर्धन पर्वत उठा कर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।

“गोवर्धन पूजन इस तथ्य का परिचायक है

हो विषमताएं कितनी भी हों घनी

गोविंद सदा सहायक हैं!”

“परम पिता परमेश्वर का आभार है बारंबार

करने को रक्षण हमारा जिन्होंने लिए अवतार

गोवर्धन की पूजा याद दिलाती है

आते हैं कान्हा हमें बचाने जब भी

विपत्ति हमें कष्ट पहुंचाती है!”

भाई दूज कविता (Bhai Dooj Kavita)

भाई दूज गोवर्धन पूजा के अगले दिन आता है। भाई बहन के रिश्ते को दर्शानेवाला ये एक अत्यंत पवित्र त्योहार है। माना जाता है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर भोजन किया था। यमुना ने खुश हो कर भाई को आशीर्वाद दिया था। तब से भाई बहन के घर जा कर भोजन करते हैं। 

“भाई बहन के सुंदर प्रेम को दर्शाने 

भाई दूज का उत्सव आता है

अटूट संबंध की आभा में बढ़ाने को

जग ये पावन त्यौहार मनाता है!”

“भाई दूज की लावण्य बेला

भाई बहन के अनुपम स्नेह को चिन्हित करती है

हो दूर अगर भी तो दोनो

प्रेम की डोर, हृदय में संचित रहती है

कहते हैं आज के दिन यमराज ने

बहन यमुना के घर भोजन किया

सहर्ष यमुना ने निज भ्राता को 

स्नेहवश ढेरों आशीष दिया

इस कारण भाई दूज यम द्वितीया भी कहलाया

भाई बहन की इस प्रीत को

जग ने सदियों से है मनाया

जो बहन इस दिवस अपने भाई की

मंगल कामना करती है

निज हाथों से बना भोजन खिला

उसका दामन आशीष से भरती है

कहते हैं ऐसा भाई बड़ा ही भाग्यवान होता है

धन, सौहार्द, यश को कभी नहीं खोता है!”

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