मकर संक्रांति का महत्व 2024 (Makar sankranti wishes in hindi)

मकर संक्रांति कोट्स इन हिंदी, मकर संक्रांति कविता 2023, मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं (makar sankranti wishes, quotes in hindi)

दोस्तों, अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार भारत में आनेवाला पहला त्योहार है मकर संक्रांति। पर भारत वर्ष में कई जगहों पर इस त्योहार को नए साल का पहला दिन माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन का बड़ा महत्व है। सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। ये दिन ऋतु परिवर्तन का भी सूचक है। प्राकृतिक इस दिन एक अनुपम छटा बिखेरती है। ऐसे में फसल की कटाई, पतंगबाजी, गुड़ तिल आदि का सेवन बड़ा महत्व रखता है। दोस्तो, अगर आप भी इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो हमारे इस लेख को पूरा ज़रूर पढ़ें। हम यहां संक्रांति कविता और कोट्स (Makar sankranti wishes in hindi) ले कर आए हैं। इस संक्रांति अपने प्रियजनों के साथ इन्हे शेयर करना ना भूलें।

संक्रांति क्या है?

सूर्य जब एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ये एक पावन समय होता है। संक्रांति वाले दिन दान, तर्पण, स्नान आदि का विशेष महत्व होता है। भारतवर्ष में इस अवसर को प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। भारत के अमूमन हर हिस्से में संक्रांति मनाई जाती है।

संक्रांति का महत्व

संक्रांति कृषि और प्रकृति से जुड़ा एक पावन अवसर है। इस दौरान भारतीय संस्कृति में सूर्य देव के पूजन का प्रावधान भी है। साथ ही ये दिन ऋतु परिवर्तन का सूचक बन कर भी आता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान से ब्रह्म लोक की प्राप्ति भी होती है।

मकर संक्रांति कोट्स इन हिंदी (sankranti wishes in hindi)

“शुभ हो आपका संक्रांति का दिन

 न रहे जीवन का कोई क्षण खुशियों के बिन”

“हर्ष और उमंग की पतंग

 आपके जीवनरूपी नभ में उड़ती रहे”

“सूरज की लाली

 गुड़, दही की थाली

 पतंग की डोर

 मुस्कान रहे उमंग वाली”

“संक्रति के सूरज संग

 चमके आपकी किस्मत का तारा

 इस शुभ अवसर पर है भेजा

 आपको आशीष और प्रेम बहुत सारा”

“तिल से भी छोटा हो आपकी कठिनाइयों का जमघट

 गुड़ जैसा मीठा हो आपका हर संबंध, रहे प्रियजन निकट

 सूरज संग छाए आंगन आपके खुशियों की लाली

 दूर रहें आपसे छल कपट करनेवाले, जिनकी नियत हो  काली”

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मकर संक्रांति कविता इन हिंदी

पौष मास की मनोरम बेला

प्राकृतिक छटा का सुंदर मेला

होता है हर्षित उर, 

उल्लास दिशाओं में रहे विस्तृत प्रचुर

नभ विशाल में गोते खाती

पतंग आशा का द्योतक बन जाती है

थाली में परोसी गुड़ की चक्की

जिह्वा ही नहीं, अपितु अंतरात्मा भी

मधुर कर जाती है…

फसल कटाई, धान्य से भरे गोदाम का पूजन

मनुज को संदेशा दे जाती है…

अन्न की अनुकंपा से ही

वसुधा पर जीवनलीला मुस्काती है!

इस दिवस जनमानस अंशुमाली को 

अर्पित करते हैं श्रद्धा सुमन

दीप्त करती हैं जिनके प्रभाव से

जीवन को सृजन की अनुपम किरण!

आस्था व आभार का समाहार,

 संक्रांति का त्योहार कहलाता है

सदियों से भारत-भू पर ये उत्सव…

प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का

 बोध करवाने आता है!

FAQS

संक्रांति कितने तारीख की है?

आमतौर पर संक्रांति 14-15 जनवरी को मनाई जाती है।

संक्रांति किसे कहते हैं?

सूर्य जब दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है।

संक्रांति का अर्थ?

सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में चले जाना।

संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

सूर्य देवता उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी समय देशभर में मकर सक्रांति मनाई जाती है।

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